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या देवी सर्वभूतेषु शक्तिरूपेण संस्थिता, नमस्तस्यै, नमस्तस्यै, नमस्तस्यै नमो नमः । माँ भगवती आप सब के जीवन को अनन्त खुशियों से परिपूर्ण करें ।

दूसरे लोग जिसके कार्य, व्यवहार, गोपनीयता, सलाह और विचार को कार्य पूरा हो जाने के बाद ही जान पाते हैं, वही व्यक्ति विद्वान् कहलाता है ।

यस्य कृत्यं न जानन्ति मन्त्रं वा मन्त्रितं परे । कृतमेवास्य जानन्ति स वै पण्डित उच्यते ॥